उत्तराखंड:- देवभूमि उत्तराखंड की बदरी गाय को राष्ट्रीय पक्षी आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो की ओर से 40वीं भारतीय नस्ल की गाय के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
यह एक मजबूत कद काठी की छोटी सी गाय है और यह बदरी गाय उच्च हिमालई क्षेत्रों में पाली जाती है। इम्यूनिटी बढ़ाने में बदरी गाय का घी बहुत ही लाभदायक होता है, इसीलिए लोगों के बीच में इसकी डिमांड काफी बढ़ती जा रही है।
बदरी गाय उच्च हिमालई क्षेत्रों के बुग्यालों एवं जड़ी-बूटियों से भरपूर एवं कई औषधीय गुणों से युक्त वनस्पतियों का सेवन करती हैं जिससे बदरी गाय का दूध बेहद औषधीय गुणों से भरपूर होता है और यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में काफी लाभदायक होता है।
सहायक निदेशक डेरी राजेंद्र सिंह चौहान के मुताबिक बदरी गाय के घी की बड़े स्तर पर उत्पादन की तैयारी की जा रही है Amazon पर यह घी मौजूद है और बदरी घी के ग्रोथ सेंटर की सफलता से डेयरी विकास विभाग द्वारा जनपद चमोली में 5 नए ग्रोथ सेंटर भी प्रस्तावित किए हैं।
Join Whatsapp group for quick updates