Doononline: शुक्रवार सुबह साढ़े सात बजे जगदीप सिंह रेस्टोरेंट पर पहुंचे तो शटर बंद मिला। उन्होंने संजीव, अनुपम और आकाश को फोन किया लेकिन उनके फोन नहीं खुले। आशंकित जगदीप ने दूसरे कर्मचारियों को बुलाया।
इसके बाद साथियों ने काफी देर तक दरवाजे खटखटाये, लेकिन भीतर से कोई जवाब नहीं मिला। खिड़की से झांकने पर भीतर तीनों बेसुध पड़े मिले। पास ही अंगीठी रखी थी, जिससे धुआं उठ रहा था।
रेस्टोरेंट मालिक और कर्मचारियों ने खिड़की-दरवाजे तोड़कर तीनों को बाहर निकाला और जिला अस्पताल पहुंचाया। यहां डॉक्टरों ने 23 वर्षीय संजीव और 22 साल के आकाश को मृत घोषित कर दिया।
संजीव के छोटे भाई अनुपम को गंभीर हालत में हायर सेंटर रेफर कर दिया। साथियों ने उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुयी है।
जलती अंगीठी या हीटर रख कर ना सोयें बंद कमरे में:
बंद कमे में कभी भी अंगीठी या हीटर जला कर ना सोयें जलती हुई अंगीठी से कार्बनडाइ ऑक्साइड के साथ साथ कार्बन मोनो ऑक्साइड भी निकलती है जो कि एक विषैली गैस है,इसी प्रकार जलते हुए हीटर के कारण भी कमरे का ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है जो कि दुर्घटना का कारण बन सकता हैl

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